शरीर की गर्मी निकालने के लिए 8 आयुर्वेदिक उपाय : Body Ki Garmi Kaise Nikale

शरीर की गर्मी निकालने के लिए 8 आयुर्वेदिक उपाय : Body Ki Garmi Kaise Nikale

शरीर की गर्मी निकालने के लिए 8 आयुर्वेदिक उपाय : Body Ki Garmi Kaise Nikale -: तो दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि “शरीर की गर्मी निकालने के लिए 8 आयुर्वेदिक उपाय क्या हैं?” अगर आप इस बारे में जानकारी एकत्रित करना चाहते है, तो आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े, ताकि आपके ज्ञान में और भी ज्यादा वृद्धि हो सकें !

शरीर की गर्मी निकालने के लिए 8 आयुर्वेदिक उपाय : Body Ki Garmi Kaise Nikale
शरीर की गर्मी निकालने के लिए 8 आयुर्वेदिक उपाय : Body Ki Garmi Kaise Nikale

आयुर्वेद के अनुसार पित्त शरीर के तीन दोषों में से एक है। पित्त शरीर में पाचन शक्ति या अग्नि को नियंत्रित करता है। जब पित्त नियंत्रण से बाहर हो जाता है, तो यह पेट की समस्या पैदा कर सकता है। पित्त को तैलीय, गर्म और हल्का माना जाता है। इससे हीट स्ट्रेस भी हो सकता है। गर्मियों में शरीर में पानी की कमी हो जाती है ऐसे में गर्मी अधिक महसूस होती है। गर्मियों में ज्यादातर लोगों को पेट की गर्मी का सामना करना पड़ता है। शरीर की गर्मी को ठंडा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है।

शरीर में गर्मी कैसे होती हैं?

शरीर में गर्मी विभिन्न कारकों के कारण होती है। यहां कुछ मुख्य कारक दिए गए हैं जो शरीर में गर्मी का कारण बन सकते हैं:

  • अग्नि: आयुर्वेद में मान्यता है कि अग्नि शरीर की प्रमुख ऊर्जा स्रोत होती है और उसका बढ़ना शरीर में गर्मी का कारण बन सकता है। अधिक उष्ण भोजन, तीव्र शारीरिक गतिविधि, उष्णताप, औषधियों का सेवन आदि अग्नि को प्रभावित करके शरीर की गर्मी को बढ़ा सकते हैं।
  • पित्त दोष: आयुर्वेद में पित्त एक महत्वपूर्ण दोष है जो शरीर में तापमान को नियंत्रित करता है। यदि पित्त बढ़ जाता है, तो शरीर में अधिक उष्णता बनती है और गर्मी की समस्याएं हो सकती हैं। खाद्य पदार्थों, तनाव, उष्णताप, ज्यादा पकाया हुआ खाना, तीखे और मसालेदार आहार, तम्बाकू और अल्कोहल आदि पित्त दोष को बढ़ा सकते हैं।
  • मौसम: गर्म मौसम में, उच्च तापमान और अधिक धूप के कारण शरीर में अधिक गर्मी बनती है।
  • अतिरिक्त शारीरिक गतिविधि: जब हम ज्यादा शारीरिक कार्यक्रम करते हैं, उच्च धातुओं की उत्पत्ति होती है जो शरीर को गर्मी प्रदान करती है।
  • अशुद्ध आहार: तीव्र, तले हुए, तीखे और अधिक मसालेदार आहार का सेवन करना शरीर में गर्मी को बढ़ा सकता है।
  • तनाव: अधिक तनाव और चिंता स्तर शरीर के ऊष्णताप को बढ़ा सकते हैं और गर्मी के लक्षणों को प्रभावित कर सकते हैं।

ये कुछ मुख्य कारक हैं जो शरीर में गर्मी को बढ़ा सकते हैं। अगर आपको अत्यधिक गर्मी की समस्या है, तो वैद्य से परामर्श करना सुझावित होता है ताकि समस्या का सही कारण निर्धारित किया जा सके और उपचार की सलाह दी जा सके।

शरीर की गर्मी कैसे निकाले?

शरीर की गर्मी को निकालने के लिए निम्नलिखित उपायों को अपना सकते हैं:

  • ताजे और शीतल पानी का सेवन: दिन भर में ताजे और शीतल पानी का सेवन करें। इससे शरीर की गर्मी को कम करने में मदद मिलेगी।
  • शीतल निम्बू पानी: गर्मियों में नींबू पानी में ठंडा पानी और थोड़ा सा नमक मिलाकर पीने से शरीर की गर्मी को तत्काल नियंत्रित किया जा सकता है।
  • नारियल पानी: नारियल पानी का नियमित सेवन करें। यह शरीर को शीतलता प्रदान करता है और गर्मी को नियंत्रित करता है।
  • स्वस्थ आहार: हल्का, पौष्टिक और प्राकृतिक आहार लें। तले हुए और मसालेदार भोजन को कम करें। स्वादिष्ट फल, सब्जियां, पत्ते, दही और अन्य प्राकृतिक आहार शरीर की गर्मी को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
  • शीतल स्नान: दिन में एक बार शीतल पानी से स्नान करें। यह शरीर की गर्मी को ठंडा करके ताजगी प्रदान करेगा।
  • तुलसी: तुलसी के पत्तों को चबाकर खाएं या तुलसी की चाय पिएं। यह शरीर की गर्मी को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
  • सौंफ: सौंफ के बीज का सेवन करें या सौंफ का पानी पिएं। यह शरीर की गर्मी को कम करने में मदद कर सकता है।
  • पुदीना: पुदीने के पत्तों को छानकर रस निकालें और उसे पानी में मिलाकर पीने से शरीर की गर्मी को शांत कर सकते हैं।
  • आर्द्र त्वचा की देखभाल: गर्मियों में नियमित रूप से आर्द्र त्वचा की देखभाल करें। ठंडे पानी से नहाएं, धूप से बचें, ताजगी और शीतलता प्रदान करने वाले त्वचा संरचना के उपयोग करें।

ये थे कुछ आयुर्वेदिक उपाय जिनका आप उपयोग करके शरीर की गर्मी को नियंत्रित कर सकते हैं। इसके अलावा, अधिक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, नियमित व्यायाम करना और पर्याप्त आराम लेना भी शरीर की गर्मी को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। यदि गर्मी संबंधी समस्याएं जारी रहती हैं या गंभीर होती हैं, तो अपने वैद्य से सलाह लेना सुझावित होता है।

शरीर की गर्मी निकालने के लिए 8 आयुर्वेदिक उपाय

यदि आप अपने शरीर की गर्मी को कम करने के लिए आयुर्वेदिक उपाय ढूंढ़ रहे हैं, तो निम्नलिखित उपायों की मदद से आप शरीर की तापमान को नियंत्रित कर सकते हैं:

  • नारियल पानी: दिन में कई बार नारियल पानी पिएं। यह शरीर को ठंडा रखने में मदद करेगा।
  • ठंडे पानी का सेवन: ठंडे पानी को पिएं या ठंडे पानी से स्नान करें। इससे आपका शरीर शीतल होगा।
  • मेंथी दाना: मेंथी दाने को पीसकर पानी में मिलाएं और उसे पी लें। यह शरीर की गर्मी को कम करने में मदद करेगा।
  • संतरे का रस: संतरे के रस को पीने से शरीर की गर्मी निकलती है।
  • अम्लीय फल: अम्लीय फल जैसे कि आंवला, नींबू, अनार आदि का सेवन करें। ये फल शरीर को शीतलता प्रदान करते हैं।
  • सरसों का तेल: शरीर की मालिश के लिए सरसों के तेल का उपयोग करें। इससे शरीर की तापमान को कम किया जा सकता है।
  • खीरा: खीरे को कटकर उसका रस निकालें और उसे पी लें। यह शरीर को शीतलता प्रदान करेगा।
  • तुलसी: तुलसी के पत्तों को उबालकर पानी को पीने से शरीर की गर्मी निकलती है।
  • गुलाब जल: गुलाब जल को चेहरे पर लगाएं और शरीर के अन्य भागों पर भी लगाएं। यह शरीर को ठंडा और ताजगी प्रदान करेगा।
  • नींबू पानी: गर्म पानी में नींबू का रस निचोड़कर पिएं। यह शरीर को शीतल बनाए रखेगा।
  • सौंफ: सौंफ को पानी में उबालकर उसे पी लें। यह शरीर को शीतलता प्रदान करेगा और उष्णता को नियंत्रित करेगा।
  • साबूदाना: साबूदाना को पानी में भिगोकर खाएं। यह शरीर को शीतलता प्रदान करेगा।
  • पुदीना: पुदीने के पत्तों को छानकर पानी में मिलाएं और उसे पी लें। यह आपको ठंडा और ताजगी महसूस कराएगा।
  • त्रिफला चूर्ण: त्रिफला चूर्ण को पानी के साथ लें। यह शरीर की गर्मी को कम करने में मदद कर सकता है।
  • नींबू-पानी और शहद: एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाएं। इसे रोजाना पीने से शरीर की गर्मी को कम किया जा सकता है।

ध्यान दें कि आपको ऊंचे तापमान या अस्वस्थता के लक्षणों का सामना होता है तो अपने वैद्य से परामर्श करना हमेशा उचित होता है। वे आपको सही और सटीक सलाह देंगे।

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आयुर्वेदिक दवा से शरीर की गर्मी कैसे कम करे?

आयुर्वेद के अनुसार घी तन और मन दोनों के लिए शीतल होता है। चूंकि यह पित्त को शांत करने में मदद करता है, इसलिए इसका सेवन भोजन से पहले या शुरुआत में करना चाहिए। ध्यान रहे कि घी खाने के बाद कुछ भी ठंडा न खाएं, जैसे आइसक्रीम या ठंडा पानी। भोजन के समय गुनगुना पानी पीने की सलाह दी जाती है।

क्या खाने से शरीर ठंडा होता हैं?

दही शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर और विटामिन बी12 से भरपूर होता है। गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने के लिए दही का सेवन किया जा सकता है। इसका सेवन हीट स्ट्रोक से भी बचाता है और शरीर को हाइड्रेट भी रखता है।

शरीर की गर्मी के लिए कौन सी आयुर्वेदिक दवा सबसे अच्छी हैं?

शीतलासुधा सिरप एक आयुर्वेदिक पेय है जो अपने उत्कृष्ट शीतलन गुणों के लिए जाना जाता है। यह हर्बल शीतलक ‘खस’ से बनाया जाता है। गर्मी के कारण होने वाली थकान और बेचैनी से निपटने के लिए यह एक प्रभावी घरेलू उपाय है। शीतलासुधा सिरप पूरे शरीर में जलन को ठीक करने में बहुत प्रभावी है।

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