High fever क्या है : High Fever Kya Hai
High fever क्या है : High Fever Kya Hai – आज हम आपको बताएंगे कि High fever क्या है? और इससे क्या-क्या नुकसान हो सकता है? अगर आप भी इस महत्वपूर्ण जानकारी को सम्पूर्ण तरीके से प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमारे साथ जुड़े रहे इस आर्टिकल के अंत तक !

हाई फीवर क्या है | High Fever Kya Hain?
हाई फीवर, जिसे “High Fever” भी कहा जाता है, विशेष तापमान में बढ़ोतरी के साथ होने वाली एक स्वास्थ्य स्थिति है। आमतौर पर, शरीर का तापमान 100.4 डिग्री फारेनहाइट (38 डिग्री सेल्सियस) से ऊपर जाने पर उसे हाई फीवर कहा जाता है। हाई फीवर के कारण बुखार, इन्फेक्शन, वायरल बीमारियाँ, यात्रा के समय की थकान, या अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं। अगर हाई फीवर लंबे समय तक बना रहता है या गंभीर समस्याओं के साथ होता है, तो डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
हाई फीवर का कारण | High Fever Ka Karan?
हाई फीवर का कारण कई तरह के हो सकते हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
- इन्फेक्शन एक सामान्य कारण हो सकता है, जैसे कि फ्लू, डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, पनसिनसिटिस, आदि।
- वायरल इन्फेक्शन भी फीवर के कारण हो सकते हैं, जैसे कि कोरोनावायरस (COVID-19) इन्फेक्शन।
- बैक्टीरियल इन्फेक्शन जैसे कि स्ट्रेप इन्फेक्शन, यूराइन इन्फेक्शन, स्कार्लेट फीवर, आदि भी फीवर का कारण हो सकते हैं।
- कई बार इम्यून सिस्टम में विकार या असमर्थता से भी फीवर हो सकता है।
- किसी उपचार उपाय या दवाई के प्रतिक्रियात्मक परिणाम के कारण भी फीवर हो सकता है।
- अगर आप बहुत ज्यादा शारीरिक काम कर रहे हैं, तो भी आपको फीवर हो सकता है।
- कुछ रोगों जैसे कि कैंसर, राजयक्ष्मा, आदि के कारण भी फीवर हो सकता है।
NOTE: यदि आपको लंबे समय तक हाई फीवर हो रहा है या आपको फीवर के साथ अन्य गंभीर लक्षण हो रहे हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
हाई फीवर के लक्षण | High Fever Ke Lakshan?
तेज़ बुखार वह स्थिति है जब शरीर का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है। शरीर का सामान्य तापमान 98.6°F (37°C) होता है। यदि आपके शरीर का तापमान 100.4°F (38°C) या इससे अधिक है, तो इसे तेज़ बुखार माना जाता है।
हाई फीवर के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
- हाई फीवर के समय आपको अधिक ऊब और कमजोरी महसूस हो सकती है।
- शरीर का तापमान 100.4 डिग्री फारेनहाइट (38 डिग्री सेल्सियस) से ऊपर जाने पर बुखार हो सकता है।
- फीवर के समय आपको शीतलता और ठंडी भावना हो सकती है।
- हाई फीवर के समय आपको अचानक पसीना आ सकता है।
- फीवर के साथ आपको सिरदर्द, शरीर में दर्द और मांसपेशियों के दर्द की समस्या हो सकती है।
- फीवर के कारण आपको गर्मी और खोजला महसूस हो सकता है।
- हाई फीवर के समय आपकी बुद्धि कमजोर हो सकती है, जिससे आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है।
- कुछ बार हाई फीवर के साथ खांसी और सांस की तकलीफ भी हो सकती है।
NOTE: अगर आपको तेज बुखार का कोई भी लक्षण दिखे तो आपको डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। डॉक्टर आपके शरीर के तापमान को कम करने और बीमारी का कारण पता लगाने के लिए दवाएं दे सकते हैं।
हाई फीवर से बचाव | High Fever Se Bachav?
हाई फीवर से बचने के लिए आप कुछ चीजें कर सकते हैं, जैसे:
- अपने हाथ बार-बार धोएं।
- बीमार लोगों के संपर्क से बचें।
- स्वस्थ आहार लें।
- पर्याप्त नींद।
- तनाव को कम करें।
- हर साल फ्लू का टीका लगवाएं।
- यदि आप बीमार हैं तो घर पर रहें और दूसरों के संपर्क में आने से बचें।
- अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखें।
- यदि आपका बुखार 3 दिनों से अधिक समय तक रहता है या यदि आपके पास अन्य लक्षण हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लें।
NOTE: आपके स्वास्थ्य प्रकोपों से बचने के लिए, स्वास्थ्य सुरक्षा और अच्छे स्वास्थ्य प्रथाओं की पालना करना महत्वपूर्ण है।
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बुखार कितने प्रकार का होता है?
बुखार कई प्रकार का हो सकता है, जिनमें से कुछ मुख्य प्रकार हैं:
1. सामान्य बुखार: यह आमतौर पर अन्य सामान्य रोगों के कारण होता है और तापमान बढ़ जाने से होता है।
2. वायरल बुखार: वायरल इन्फेक्शन के कारण होने वाला बुखार होता है, जैसे कि फ्लू, डेंगू, चिकनगुनिया, आदि।
3. बैक्टीरियल बुखार: बैक्टीरियल इन्फेक्शन के परिणामस्वरूप होने वाला बुखार होता है, जैसे कि टाइफाइड, पनसिनसिटिस, आदि।
4. मलेरिया: मलेरिया मच्छरों के काटने से होने वाला बुखार होता है, जिसमें प्लासमोडियम पैरासाइट्स के कारण शरीर में इंफेक्शन होता है।
5. डेंगू: डेंगू मच्छरों के काटने से होने वाला वायरल बुखार होता है, जिसमें आदनोवायरस के कारण शरीर में इंफेक्शन होता है।
NOTE: यह कुछ मुख्य प्रकार केवल उदाहरण हैं, और बुखार के अन्य भी प्रकार हो सकते हैं।
कितना डिग्री बुखार खतरनाक होता है?
आमतौर पर, शरीर का तापमान 104 डिग्री फारेनहाइट (40 डिग्री सेल्सियस) या उससे अधिक होने पर बुखार को खतरनाक माना जाता है। यह तापमान अत्यधिक शरीरीय तापमान की स्थिति को सूचित कर सकता है जिससे संगत और गंभीर समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि तंत्रिका कमजोरी, नस्य कमजोरी, उल्लेखनीय मांसपेशियों की क्षति, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ।